Option Trading Kya hai ? पूरी जानकारी

Option Trading में आप आप्शन कॉन्ट्रैक्ट खरीदते व बेचते हो। इसमें एक Option Seller होता है और एक Option buyer होता है ।

Option Seller, आप्शन कॉन्ट्रैक्ट को सेल करता है और Option Buyer उस आप्शन कॉन्ट्रैक्ट को buy करता है। ज्यादातर आप्शन ट्रेडर Option Buyer ही होते हैं क्योंकि इनको ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादा पैसे नही लगाने होते हैं ।

इसमें आप आप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीद लेते हैं और प्राइस बढ़ने पर आप्शन कॉन्ट्रैक्ट को बेच देते हैं और प्रॉफिट कमा लेते हैं । यह पूरी तरह से मार्किट पर निर्भर करता है।

अगर आपको लगता है की मार्किट उपर जाएगी और उसी दिशा में मार्किट चली जाती है तो आपके आप्शन कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू बढ़ जायेगी और आपको प्रॉफिट हो जायेगा ।

Option Trading किसी स्टॉक या इंडेक्स में होती है । शेयर मार्किट में Nifty 50, Sensex, Bankex, Finnifty, Bank Nifty जैसे इंडेक्स में लोग Option Trading करना पसंद करते हैं ।

इंडिया में लोग स्टॉक के मुकाबले इंडेक्स में आप्शन ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें ट्रेडिंग करना आसान है ।

Option Trading कैसे करें ?

Option Trading करने के लिए आपके पास एक अच्छी कंपनी का डीमेट अकाउंट होना चाहिए । Angel One, Zerodha, 5 paisa, Dhan, Upstox etc प्रमुख ब्रोकर है ।

डीमेट अकाउंट के लिए अप्लाई करने के बाद 48 घंटे में खुल जाता है । इसके बाद आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हो ।

Option Trading करने के लिए आपको CE और PE स्ट्राइक प्राइस खरीदना है । अगर आप एक option buyer है और आपको लगता है मार्किट उपर जाएगी तो आपको CE स्ट्राइक प्राइस खरीदना है।

CE = CALL PE = PUT

इसके बाद अगर मार्किट सच में उसी पॉइंट से उपर जाने लगती है तो आपका प्रॉफिट होना शुरू हो जायेगा ।

वहीं अगर आपको लगता है की मार्किट नीचे जाएगी तो आपको PE स्ट्राइक प्राइस खरीदना है इसके बाद अगर मार्किट सच में उसी पॉइंट से नीचे जाने लगती है तो आपका प्रॉफिट होना शुरू हो जायेगा ।

उदाहरण के लिए मान ले की Nifty 50 का प्राइस 22,000 रूपए है अगर आपने 22,000 CE खरीद लिया है और मार्किट 22,000 स्ट्राइक प्राइस से उपर जाने लगती है तो आपको प्रॉफिट होना शुरू हो जायेगा

इसी तरह गर आपने 22,000 PE खरीद लिया है और मार्किट 22,000 स्ट्राइक प्राइस से नीचे जाने लगती है तो आपको प्रॉफिट होना शुरू हो जायेगा ।

इस तरह एक option buyer, option Trading से पैसे कमाता है।

Option Trading के लिए Best Demat Account

Option Trading के लिए Angel One सबसे बेस्ट Demat Account है। Angel One ने ट्रेडर के लिए अपनी App को बहुत ही ज्यादा इम्प्रूव किया है । यह ख़ास तौर पर ट्रेडर के लिए ही बना है।

इसमें आपको सभी इंडेक्स की लिस्ट आसानी से मिल जाती है और इसमें आप आप्शन चैन, चार्ट और स्टॉक डिटेल एक साथ आसानी से मिल जाती है ।

Angel One में डीमेट अकाउंट खोलने की पूरी जानकारी step by step अपनी पिछली पोस्ट में बताई है आप उस पोस्ट को पढ़कर डीमेट अकाउंट खोल सकते हो ।

Option Trading Basic Information

Option Trading करने के लिए इसका बेसिक जानकारी होना बहुत जरूरी है । अगर आपको सही जानकारी नही होगी तो आपका ट्रेडिंग में बहुत बड़ा घाटा हो जायेगा।

Option कॉन्ट्रैक्ट क्या होता है ?

मान लीजिये अगर आप लगता है की किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू बढ़ने वाली है लेकिन आप दुविधा में भी हो की अगर शेयर की वैल्यू न बढ़ी या फिर शेयर की वैल्यू नीचे चली गयी तो आपका शेयर खरीदना बेकार हो जायेगा ।

इसीलिए आप आप्शन सेलर से कॉन्ट्रैक्ट करते हो की अगर उस शेयर की वैल्यू भविष्य में बढती भी है तो वो शेयर उसी दाम पर बेचेगा जिस दाम पर पहले था ।

इस कॉन्ट्रैक्ट में आपको शेयर के पूरे पैसे नही देने होते हैं सिर्फ कुछ पैसे देने होते हैं इसके बाद अगर सच में उस शेयर की प्राइस बढ़ जाती है तो आप उस शेयर को पुराने दाम पर खरीदकर डायरेक्ट मुनाफा कमा सकते हो ।

और अगर उस शेयर की प्राइस बढ़ने के बजाय काफी ज्यादा घट जाती है तो आप एक बड़े घाटे से बच जाते हो क्योंकि जरूरी नही है की आपने जो कॉन्ट्रैक्ट सिग्न किया है उस दाम पर शेयर खरीदना जरूरी है.

आपने उस कॉन्ट्रैक्ट के लिए पैसे दिए है इसलिए अगर आप समय रहते उस कॉन्ट्रैक्ट को पूरा नही करते हो तो वो कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल हो जायेगा तो जाहिर सी बात है शेयर का प्राइस कम होने पर कोई भी अपना उस कॉन्ट्रैक्ट को कैंसिल होने देना ही जरूरी समझेगा ।

Option Seller और Option Buyer क्या होता है ?

Option Seller – Option Seller, Option Contract को सेल करता है । इसको Option को सेल करने के लिए ज्यादा पैसे लगाने होते हैं। Option Seller को ट्रेडिंग में रिस्क भी कम होता है और इसी तरह इसका प्रॉफिट भी लिमिटेड ही होता है।

Option Buyer – एक Option Buyer, Option Contract को खरीदता है । इसको Option खरीदने के लिए ज्यादा पैसे नही देने होते हैं । Option Buyer को ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा रिस्क होता है और इसी तरह इसका प्रॉफिट भी अनलिमिटेड होता है ।

एक Option Buyer अपनी पूंजी का दुगना और तिगुना एक ही दिन में कमा सकता है ।

Call और Put क्या है ?

Call – अगर एक Option Buyer को लगता है की मार्किट उपर जाएगी तो वो Call buy करता है जबकि एक आप्शन Seller इसका उल्टा करता है।

अगर Option Seller को लगता है की मार्किट नीचे जाएगी तो वो Call को बेच देता है

Put – अगर एक Option Buyer को लगता है की मार्किट नीचे जाएगी तो वो Call Sell करता है जबकि एक आप्शन Seller इसका उल्टा करता है।

अगर Option Seller को लगता है की मार्किट उपर जाएगी तो वो Put को खरीद लेता है ।

Strick Price क्या है ?

यह वो प्राइस होता है जिस पर आप किसी आप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते व बेचते हो । यहाँ पर मै Nifty 50 का उदाहरण लेकर आपको बताता हूँ ।

Nifty की मार्किट वैल्यू 20,058 रूपए है यह इसका स्ट्राइक प्राइस हो गया है। आप इसके उपर और नीचे के स्ट्राइक प्राइस को भी देख सकते हैं ।

अगर आपको लगता है की आज Nifty की वैल्यू बढ़कर 22,100 हो सकती है तो आप 22,100 CE खरीद सकते हो यहाँ पर CE यानि Call Option प्राइस बढ़ने का संकेत होता है।

वहीं अगर आपको लगता है की आज Nifty की वैल्यू घटकर 21,950 हो सकती है तो आप 21,950 PE खरीद सकते हो यहाँ पर PE यानि PUT Option प्राइस घटने का संकेत होता है।

ATM OTM ITM क्या है ?

यहाँ पर हम Nifty 50 का उदाहरण लेकर समझते हैं की ATM OTM ITM क्या होता है।

ATM – इसका Full Form AT The Money होता है। इसमें Nifty जिस पॉइंट पर होती है वो ही AT The Money कहलाता है।

फोटो में आप देख सकते हैं Nifty की वैल्यू 22,069 रूपए है । इसमें 22,069 CE और 22,069 PE स्ट्राइक प्राइस को ATM कहेंगे

क्योंकि मार्किट अभी 22,069 स्ट्राइक प्राइस पर है इसलिए इसे ATM कहेंगे । Nifty 50 की वैल्यू घटने और बढ़ने पर ATM भी उसी हिसाब से बदल जायेगा ।

OTM – इसका Full Form Out The Money होता है । इसमें मार्किट अभी पहुंची नही होती है और पहुँचने वाली होती है।

22,069 से उपर जितने भी CE है वो सभी Out The Money कहलायेंगे उदाहरण के लिए 22,100 CE Out The Money कहलायेगा।

इसी तरह 22,069 से नीचे जितने भी PE है वो सभी Out The Money कहलायेंगे उदाहरण के लिए 22,040 PE Out The Money कहलायेगा।

ITM – इसका Full Form In The Money होता है । इसमें मार्किट उस वैल्यू से आगे निकल चूका होता है। 22,069 से नीचे जितने भी CE है वो सभी In The Money कहलायेंगे उदाहरण के लिए 22,040 CE In The Money कहलायेगा।

इसी तरह 22,069 से उपर जितने भी PE है वो सभी Out The Money कहलायेंगे उदाहरण के लिए 22,040 PE Out The Money कहलायेगा।

Time Dickey क्या है ?

हर एक आप्शन कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी होती है जो की वीकली और मंथली होती है। जैसे जैसे आप्शन की एक्सपायरी नजदीक आती है उसकी टाइम वैल्यू भी कम होती जाती है और एक्सपायरी के दिन टाइम वैल्यू जीरो हो जाती है।

समय के साथ टाइम वैल्यू का कम होना ही Time Dickey है । अगर मार्किट समय के साथ आपके खरीदे हुए स्ट्राइक प्राइस पर नही पहुँचती है तो टाइम वैल्यू के कम होने से आपको घाटा होना शुरू हो जायेगा।

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FAQ

आप्शन ट्रेडिंग करने के लिए कितने रूपए होने चाहिए ?

अगर आप एक Option buyer है तो आप 2000 रूपए से Nifty 50 ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं । ध्यान रहे आप जितना ज्यादा पैसा लगाओगे उतना ज्यादा प्रॉफिट कमाओगे ।

आप्शन ट्रेडिंग के लिए बेस्ट Demat account कौन सा है ?

आप्शन ट्रेडिंग के लिए बेस्ट Demat account Angel One है ।

एक आप्शन ट्रेडर को क्या आना जरूरी है ?

अगर आप आप्शन ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाना चाहते हो तो आपको Technical Analysis, Risk Management, Trading Psychology, Price Action, Stop loss का ज्ञान होना जरूरी है ।

आप्शन ट्रेडिंग में कितना रिस्क है ?

आप्शन ट्रेडिंग बहुत रिस्की होती है और इसमें आपको बहुत बड़ा घाटा भी हो सकता है ? आप्शन ट्रेडिंग में बहुत जल्दी पैसा बनता है और चला भी जाता है ।

Option Seller के लिए आप्शन ट्रेडिंग करने के लिए कितना रूपए होना चाहिए ?

Option Seller को आप्शन ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादा पैसे लगाने होते हैं इसमें कम से कम 1 लाख रूपए होने चाहिए । Option Seller 1 लाख रूपए से Option trading शुरू कर सकता है।

एक Option Seller कितना प्रॉफिट बना सकता है ।

Option Seller आप्शन ट्रेडिंग में अपनी पूंजी के बहुत कम हिस्से के बराबर प्रॉफिट करता है क्योंकि Option Seller को रिस्क कम होता है इसलिए प्रॉफिट भी कम होता है ।

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