Bond क्या है

जब सरकार को रुपयों की जरूरत होती है तो सरकार Bond जारी करता है

जब सरकार पर राजकोषिय घाटे की मार पड़ती है या

महत्वपूर्ण कार्यों के लिए पैसे की जरूरत होती है तो सरकार पैसा इकट्ठा करने के लिए बॉन्ड (BOND) जारी करती है

सरकार यह बॉन्ड बड़े इन्वेस्टर्स और आम लोगों के लिए जारी करती है

जारी किए गए बॉन्ड को ‘ऋण पत्र’ भी कहते हैं, क्योकि बॉन्ड एक पत्र (LETTER) के फॉर्मैट में होता है

इस लेटर पर बॉन्ड का प्राइस भी लिखा होता है

और उस पर मिलने वाला ब्याज दर (INTEREST RATE) भी लिखा होता है

यह कितने समय के लिए है यह सभी बातें भी इस ऋण पत्र पर लिखी होती हैं. बॉन्ड का प्राईस क्या होना है यह सभी बातें पहले ही तय कर ली जाती है.

जब बॉन्ड का पीरियड खत्म हो जाता है तो तय नियमों और शर्तों के अनुसार आपको आपका पैसा वापस मिल जाता है.

Bond कितने परकार के होते हैं

1.सरकारी बॉन्ड (SOVEREIGN GOVERNMENT OR GOVERNMENT BOND)

2. म्युनिसिपल बॉन्ड (MUNICIPAL BOND)

3. कोर्पोरेट बॉन्ड (CORPORATE BOND)

4. सिक्योर बॉन्ड (SECURE BOND)

5.इनसिक्योर बॉन्ड (INSECURE BOND)

6. ज़ीरो कूपन बॉन्ड (ZERO COUPON BOND)

7. प्रपैचुअल बॉन्ड (PERPETUAL BOND)

8. इनफ्लेशन बॉन्ड (INFLATION LINKED BOND)

9. इनफ्लेशन बॉन्ड (INFLATION LINKED BOND)

10. कंवर्टिबल बॉंन्ड (CONVERTIBLE BOND)